chapter - 9 समाज निर्माण में लैंगिक मुद्दे (Gender Issues in Social Construction)
click for भागवत गीता pdf file समाज निर्माण में लैंगिक मुद्दे (Gender Issues in Social Construction) प्रत्येक व्यक्ति अपने आप में पूर्ण व्यक्तित्व है। प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे से अलग है और यही उसके जीवन का आधारभूत गुण है। एक ही परिवार के बच्चों में भी यह भेद देखा गया है.। मनुष्य के विकास में विभिन्न बुद्धिजीवियों तथा शासकों ने इन भेड़ों के आधार पर व्यास्थाबद्ध नियम बनाने की कोशिश की। समाज निर्माण में लिंग की भूमिका समाज को ध्यान पूर्वक देखने से पता चलता है कि सामाजिक और आर्थिक आधार पर लोगों की योग्यताओं में अनेक प्रकार के भेद पाए जाते हैं। संपन्न परिवारों में मंद बुद्धि बालक कम देखे गए हैं।वैसे इस प्रकार के बालक हर प्रकार के परिवार में पाए जाते हैं। आर्थिक स्तर को मापते समय इसे बौद्धिक सम्पन्नता से भी जोड़ा जा सकता है। इस विषय पर हमारे मन में अनेक प्रश्न उठते हैं जैसे कि क्या अमीर इसलिए आमीर हैं क्योंकि वे पहले से अमीर हैं और गरीब इसलिए गरीब हैं क्य...